Friday, May 30, 2008

पति पत्नी के रिश्ते इतने नाज़ुक क्यों

सारे रिश्ते तो भगवान ने बना कर भेजे बस एक रिश्ता पति पत्नी का ऐसा रिश्ता है जिसे इंसान ख़ुद चुनता है शायद यही वजह है की दुनिया में सिर्फ़ इसी रिश्ते को तोड़ने का प्रावधान भी है और इसी रिश्ते को तोड़ने के लिए कानून भी बनाया गया है और आज के दौर में यही एक रिश्ता सबसे ज्यादा नाज़ुक होता जा रहा है जिसका प्रमाण परिवार न्यायालय में रोज होते तलाक के फैसले या ससुराल में मौत की गोद में समाती दुल्हन और कई जगह दहेज़ प्रताड़ना के झूठे मुकदमों का शिकार हुआ पूरा परिवार है । हमने कभी ये समझाना जरुरी नही समझा की विद्यालयों में यौन शिक्षा से ज्यादा जरुरी सामाजिक शिक्षा थी हम पति पत्नी के रिश्तों के टूटने की वजह तकदीर बता देतें है बहोत से लोग तो यह भी कहते सुने गएँ हैं की भगवान की यही मरजी थी जबकि हकीकत तो यह की भगवान् की मरजी थी इसलिए कोई किसी का हमसफ़र बनता है और उसके ख़ुद के कर्म उसे अकेला रहने पर मजबूर कर देते हैं।
आज के दौर में इन रिश्तों को कमजोर करने में या इन रिश्तो का व्यावसायीकरण करने में पश्चिमी सभ्यता से बड़ी जिम्मेदारी हमारे देश के टीवी धारावाहिक और फ़िल्म की है जिन्होंने इस रिश्ते को सबसे अन्तिम स्थान दे रखा है। जब पति घर से बाहर दिन भर शाम के भोजन की जुगत में लगा होता है उस वक्त पत्नी ननद से बात करने का आधुनिक तरीका और सास को दिए जा सकने वाले जबाबों की ट्रेनिंग टीवी से ले रही होती है या जहाँ पत्नी घर से सारा दिन बाहर रह कर घर चलाने की जिम्मेदारी सम्हालती है वहाँ पति बेपरवाह होकर नारी का आधुनिकीकरण और पशिचिमिकरण होने के प्रमाण टीवी पर देखता है और अनायास ही अपने रिश्तों की तुलना मनोरंजन जगत के उस काल्पनिक रिश्तों से कर घर में ख़ुद के प्रति संदेह का वातावरन तैयार करता है।
ऐसा नही की केवल यही कारन है पति पत्नी के रिश्तों के कमजोर होने का पर इसने सदियों से चली आ रही पति पत्नी के बीच विश्वास की कड़ी को कमजोर किया है इसने पत्नी के मन में ससुराल को एक ज़ंग का मैदान बताने का प्रयास किया है।
पति पत्नी के रिश्तों को नाज़ुक बनाने में वधु पक्ष के रिश्तेदारों की भी भूमिका को बख्शा नही जा सकता जिस भी घर में बेटी का विवाह होने के बाद बेटी के ससुराल में दखल देने का प्रयास किया जाता है वहां भी अंजाम रिश्तों मे खटास ही पैदा करता है, बेटी के माँ बाप ये जताने का प्रयास करते हैं की हमने अपनी बेटी को बड़े ही प्यार से पाला है और हम उसका ससुराल में भी ध्यान रखते हैं जबकि उनका ये ध्यान रखना ही उनकी लाडली के लिए परेशानी का कारन बनता जाता है और एक दिन पति और पत्नी दो अलग अलग पक्षों में बंट जाते हैं । जब बेटी के माता पिता बेटी की ससुराल में दखल देते हैं या बेटी से घर में हुए छोटे छोटे झगडों के बारे में पूछते हैं तो शुरुआत में तो बेटी को बहोत अच्छा लगता की कोई उसका ख़याल रख रहा है और वह धीरे धीरे ससुराल की हर बात अपने माँ बाप से करने लगती है और यहीं से पति पत्नी के रिश्तों के बीच में लोगों का आना चालू होता है और उनमे दूरियां बढ़ना। जबकि पत्नी या पति दोनों को चाहिए की एक दूसरे की भावनाओं को समझें और ज्यादा से ज्यादा बातों का हल ख़ुद बात करके निकालने का प्रयास करें क्योंकि पति और पत्नी के बीच कोई आ ही नही सकता और अगर कोई है तो फिर ये मान लो पति पत्नी के बीच दूरियां है।
कई बार लोग आवेश में आकर बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान एक पल में करने का प्रयास भी करते हैं यह भी ग़लत है अगर किसी विषय पर बात करते करते बात लड़ाई में तब्दील हो जाए तो तत्काल उस बात को छोड़कर दूसरी कोई अच्छी बात चालू करने से भी लड़ाई झगडे को समाप्त किया जा सकता है।
नारी और पुरूष के बीच कार्यों का बंटवारा भी आज के दौर में पारिवारिक विवाद का कारन बनता जा रहा है नारी जहाँ गृहस्थ जीवन की जिम्मेदारियों से दूर भाग रही है वहीं पुरूष उसे मात्र घर चलाने की मशीन समझकर प्रताडित करने में भी पीछे नही है और यहाँ दोनों ग़लत हैं, ऐसे माहौल में पति और पत्नी को बैठ कर तय करना चाहिए की घर से बाहर रह कर पैसा कमाना दोनों के लिए कितना जरुरी है अगर पति की आमदनी से घर नही चलता और पत्नी पैसा कमाने में पति का साथ देती है तो उसे एक बार घर की परिस्थितियों पर नज़र जरूर डालना चाहिए और अगर परिवार के बड़े सदस्यों को या पति को उसका बाहर काम करना अच्छा नही लगता तो लोगों को काम करने की आवश्यकता के बारे में समझा कर ही कोई फैसला करना चाहिए और अगर लोग नही मानते तो इसे मुद्दा नही बनाना चाहिए, कई बार देखा गया है की पत्नी मात्र इस लिए काम करना चाहती है की उसे घर में खाली बैठना अच्छा नही लगता ऐसे में मैं यह नही कहता की वो ग़लत है पर उसे एक बार ये जरूर समझाना चाहिए की क्या उसकी इस बात पर उसके घर और परिवार के लोग तैयार हो जायेंगे अगर हाँ तो कोई दिक्कत ही नही पर अगर लगता है की ऐसा मुमकिन नही है टैब इस तरह के मुद्दों पर लड़ाई लड़ कर सिर्फ़ आपसी कलह पैदा किया जा सकता है ऐसे में पत्नी को अपने पति की अपनी समस्याओं को बताना चाहिए और उसे विश्वास में लेकर ही अगला कदम उठाना चाहिए मेरा विश्वास है की अगर आप पारिवारिक जिम्मेदारियों को और दाम्पत्य जीवन की खुशियों को कुर्बान करके अपना वक्त बिताने का रास्ता नही खोज रहे हो तो आपके पति जरूर आप के साथ होंगे और वो अपने परिवार के अन्य सदस्यों को भी इसके लिए तैयार कर ही लेंगे। पत्नी को एक बात हमेशा याद रखनी चाहिए की कार्यों के वर्गीकरण में पहले पत्नी को घर सँभालने का दायित्व दिया गया था और पति को घर चलाने के लिए आवश्यक संशाधन जुटाने का इसे सुधरा तो जा सकता है पर बदला नही जा सकता अगर आप अपने घर की जिम्मेदारियों को निभाने के साथ साथ कुछ और काम कर सकती हैं तो निश्चित ही आप को इसकी अनुमति मिलना चाहिए पर अगर आप घर के तमाम दायित्वों से दूर भाग कर काम करना चाहते हो तो आपको दुबारा सोचना होगा। पति को भी हमेशा एक बात याद रखनी चाहिए की किसी के घर का चिराग किसी के अरमानों से पाली हुई बेटी उसके साथ आई है पति के लिए अपने सारे सगे संबंधियों को छोड़ कर आई है तो पति को इस बात का हमेशा ख़याल रखना चाहिए की अब पति को उसे इतना खुश रखना है उसे कभी किसी रिश्ते की कमी महसूस ना हो।
मैं नारी शाश्क्तिकरण का विरोधी नही पर नारी के होते पश्चिमीकरण से आने वाली पीढ़ी पर जो दुष्प्रभाव होगा उससे बाहर निकालना हममे से किसी के बस की बात नही होगी, झूठे हैं वो लोग जो कहते हैं की हमारे देश की नारी अबला है हमने नारी को देवी कहा, हमने नारी के पूजन की बात की हमने नारी को महत्व देने की पराकाष्ठा तबकर दी जब देश तक को नारी का स्थान देकर भारत माता की संज्ञा दी और कुछ चुनिंदे लोग उसे अबला कह कर हमें राक्षस साबित करने में लगे हैं।।

27 comments:

आशीष कुमार 'अंशु' said...

अच्छी सोच

Anonymous said...

kaash log ise padh kar kuchh samajh saken.

Anonymous said...

Achchha likha par adhuraa hai aur likho please aap se achchha koi ise likh nahi sakta.

Anonymous said...

This should be published in every news paper.

Anonymous said...

yahi galti maine ki thi

Anonymous said...

aakhir patni khuchh bhi samajhati kyon nahi.

Anonymous said...

I think this will work in my relationship.

Anonymous said...

milana ho kaise milen ham milane ki soorat likh do.

Anonymous said...

yahi jeevan hai boss.

Anonymous said...

patniyon ne pati ko paagal kar diya hai.

Anonymous said...

sahi hai lage raho

Anonymous said...

god knows what is the fact.

Anonymous said...

may be this is the truth

Anonymous said...

yaar biwi ko kaam karna kyon.

Anonymous said...

pata nahi kyaa kahna chahiye par achchha laga.

Anonymous said...

kisi aur se bhi poochha jaye

Anonymous said...

kahan hai aap sarkaar

Anonymous said...

kuchh aur baat karen

Anonymous said...

theek theek hai pura nahi

Anonymous said...

Abhay Tiwari ji mangawan men mulakat ho sakti hai kya.

Anonymous said...

ab chhodo bhi

Anonymous said...

aisa liokhne se kuchh nahi hoga.

Anonymous said...

right

Anonymous said...

khud ka anubhav hai kya?

Anonymous said...

ise poora karo pl.

Anonymous said...

good

Anonymous said...

ek dam bakwas hai, sab farzi hai, total time pass.