Tuesday, May 27, 2008

चलो कुछ बदल कर देखें

हम जिंदा हैं इसलिए नही की हम ने जीना सीख लिया है, बल्कि इसलिए की हमे जीने की आदत सी हो गई है या कहिये लत लग गई है, हम अच्छा और बुरा भी अपने स्वार्थों के साथ तय करते हैं अगर किसी के साथ कुछ बुरा होने में हमारा भला हो तो हमे वो भी मंजूर है और दुनिया की कितनी भी अच्छी बात अगर कहीं से हमें नुकसान पहुँचा रही हो तो उसके अच्छे होने में भी हम सवाल और संदेह कर सकते हैं-
अगर जज्बा है मन में कुछ कर गुजरने का तोअब और ज्यादा इंतज़ार मत करो, एक कदम आप बढाओ तो सही रास्ते में मैं पूरे जोश और जूनून के साथ आपका इंतज़ार कर रहा हूँ हम चलना चालू करेंगे और लोग हमारे साथ होते चले जायेंगे।
मैंने अपना पहले कदम रख दिया अब इंतज़ार है आपके विचारों का।

2 comments:

ajnabi friend said...

maine toh apna ek kadam bada diya hai, aap kab tak saath chaloge ?

Unknown said...

abhay ji aap mujhse ek bar bat karo..
bcz i am also abhay tiwari from gorakhpur, my thoughts are also fully match with you. my no is: 0-9555880573. i am waiting you....