Tuesday, May 11, 2010

सिर्फ पिता के लिए

पिता- पिता जीवन है संबल है शक्ति है,
पिता- पिता स्रष्टि के निर्माण कि अभिव्यक्ति है,
पिता- पिता उंगली पकडे बच्चे का सहारा है,
पिता- पिता कभी खट्टा कभी खारा है,
पिता- पिता पालन है पोषण है परिवार का अनुशाशन है,
पिता- पिता धौस से चलने वाला प्रेम का प्रशाशन है,
पिता- पिता रोटी है कपडा है मकान है,
पिता- पिता छोटे से परिंदे का बड़ा आसमान है,
पिता- पिता अप्रदर्शित अनंत प्यार है,
पिता- पिता है तो बच्चों को इन्तजार है,
पिता- पिता से बच्चों के ढेर सारे सपने हैं,
पिता -पिता है तो बाज़ार के सब खिलौने अपने हैं,
पिता- पिता से परिवार मे प्रतिपल राग है,
पिता- पिता से ही माँ कि बिंदी और सुहाग है,
पिता- पिता परमात्मा कि जगत के प्रति आसक्ति है,
पिता- पिता गृहस्थ आश्रम मे उच्च स्तिथि कि भक्ति है,
पिता- पिता अपनी इच्छाओं का हनन और परिवार कि पूर्ती है,
पिता- पिता रक्त निकले हुए संस्कारों कि मूर्ती है,
पिता- पिता एक जीवन को जीवन का दान है,
पिता- पिता दुनिया दिखाने का अहसान है,
पिता- पिता सुरक्षा है अगर सर पर हाथ है,
पिता- पिता नहीं है तो बचपन अनाथ है,
तो पिता से बड़ा तुम अपना नाम करो,
पिता का अपमान नहीं उन पर अभिमान करो,
क्योंकि माँ बाप कि कमी को कोई पाट नहीं सकता,
इश्वर भी इनके आशीषों को काट नहीं सकता,
विश्व मे किसी भी देवता का सम्मान दूजा है,
माँ बाप कि सेवा ही सबसे बड़ी पूजा है,
विश्व मे किसी भी तीर्थ कि यात्रायें व्यर्थ हैं,
यदि बेटे के होते हुए माता पिता असमर्थ हैं,
वो खुशनसीब हैं जिनके माँ बाप साथ होते हैं,
क्योंकि माँ बाप के आशीषों के हाथ नहीं हजारों हाथ होते हैं|

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