जिन्दगी कि आपा धापी मे ना जाने क्या क्या खोया मैंने पर अफ़सोस सिर्फ खुद को खोने का है, आज अचानक ही तबियत हुई कि चलो खुद से कुछ बात कि जाये पर देख कर हैरान रह गया कि मैं खुद से कितना दूर आ चूका हूँ, यहाँ अगर अभय है तो खुद के लिए शिकायतों कि एक पोथी या फिर अनसुलझी सी एक पहेली और गर कभी किसी ने कोशिश कि सुलझाने कि तो उलझनों के सिवा कुछ हाथ नहीं लगा | जब जिन्दगी कि शुरुआत एक कोरे कागज कि तरह कि तो लगा जैसे सब कुछ कितना आसान है पर आज यही कागज किसी उजले कफ़न मे लगे खून के दाग कि मानिंद कहानिया कहता है, जाना कहाँ था और कहाँ आ गए....शायद तरक्की इसी को कहते हैं, जब बेजुबान जानवरों को शाम होते ही घरोंदो कि ओर जाता देखता हूँ तो तरस आता है अपने वजूद पर जो चंद पैसों, चंद जरूरतों, और चंद साधनों के लिए अपनों से दूर उम्र के चढ़ाव का उतार देख रहा है, कल ये भी नहीं होगा और वो भी, फिर अफ़सोस शायद इससे ज्यादा उसका होगा पर क्या करें दौड़ना तो इसी भीड़ में है गर ठहर गए तो लोग कुचल देंगे |
छोटी सी जिन्दगी, कुछ लोग ज्यादा करीब है और कुछ आस्तीनों मे सांप कि तरह लिपटे हैं पर जो अपने थे उनका कोई पता ठिकाना नहीं शायद उन्हें भी भगवान ने मेरी ही तरह दुलार रखा है, बहोत से लोगों का तो अब नाम भी सिर्फ उनकी आखरी खबर कि तरह मिलता है, मन करता है कि काश वो एक दिन और जिन्दा होता तो पूरा दिन उसके साथ गुजारता पर फिर याद आता कि कितने सारे लोग जिन्दा हैं जिनके साथ गुजारने के लिए एक पल भी नहीं, आज कल लोग लोगों कि मौत के बहाने एक दूसरे से मिल लिया करते हैं वरना इस तरक्की के दौर मे जिन्दा लोगों के घर जाने कि फुर्सत कहाँ|
अपने पराये सब कुछ जनता था पर अब परिभाषा बदल गयी, मुझे जिनकी जरुरत है वो मेरे अपने रह गए और जिन्हें मेरी जरुरत है मैं उनका अपना हो गया बाकि सब पराये हैं, रिश्ते रस्म बन गए और रास्तों मे मिले बेगाने घेर कर चल पड़े, जिन्दगी किराये के मकान कि तरह अलग अलग गलियों और अलग अलग चौखटों मे गुजार दी, आज जहाँ खड़ा हूँ यहाँ रोज सुबह से शाम तक रिश्तों का बाज़ार लगता है, बड़े बड़े रिश्ते ख़रीदे जाते हैं और अच्छे अच्छे रिश्तों को बिकते देखता हूँ, कई बार मन को ये सोच कर तसल्ली भी होती है कि अच्छा हुआ मैं अपने रिश्तों को साथ नहीं लाया वरना शायद उन्हें भी यहाँ के दस्तूर के आगे मजबूर होकर नीलाम होना होता|
हर कोई अपनों से दुखी है और हो भी क्यों न परायों के पास इतनी फुर्सत कहाँ कि वो आपको दुखी करने मे अपना कीमती वक़्त जाया करें क्या उनके अपने नहीं, वो वहां व्यस्त है, आज के दौर में गर कोई आपका अपना आपको दुखी न करे तो एक बार सोचना जरूर, हो सकता है वो आपका अपना हो ही नहीं या फिर आप तो उसे अपना समझ कर दुखी कर रहे हो पर वो आपको अपना समझता ही न हो, ऐसे लोग जो जिन्दगी मे दुःख भी न दे सकें भला उनसे और किस चीज कि उम्मीद रखी जाये, कहते हैं दुःख के बाद सुख मिलता है पर जिनसे आज तक दुःख नहीं मिला भला सुख कैसे मिलेगा|
जाने वो कैसे लोग थे जिन्हें भगवान् मिल गए हम तो एक अच्छे इंसान को भी तरसते हैं .... गर कभी कोई मिला भी तो मैं परख नहीं पाया और देर हो गयी, आखों के सामने से वो कब ओझल हो गया पता ही नहीं चला और जब पता चला तब आँख मलने के सिवा कुछ शेष न था, हो सकता है मेरी जिन्दगी मे किसी धुंधले द्रश्य कि तरह जो चंद तस्वीरें हैं वास्तव मे वो अस्तित्वा मे ही न हों पर फिर भी इन जगमगाती रातों मे भी वो धुंधलापन जीने का सहारा बनता है, मैंने उन्हें खोया मुझे गम जरूर है पर तसल्ली भी कि जो मेरा नहीं था वो आज मेरा नहीं है पर वो खुद को क्या कह कर बहलाते होंगे जिन्होंने मुझे खोया और मैं उनके सिवा आज भी किसी और का नहीं बन पाया | निभाने से भी डर लगता और आजमाने से भी, कही जिन्हें अपना समझने का भरम पाल कर ही खुस हो लेता हूँ वो भी न टूट जाये|
छोटी सी जिन्दगी, कुछ लोग ज्यादा करीब है और कुछ आस्तीनों मे सांप कि तरह लिपटे हैं पर जो अपने थे उनका कोई पता ठिकाना नहीं शायद उन्हें भी भगवान ने मेरी ही तरह दुलार रखा है, बहोत से लोगों का तो अब नाम भी सिर्फ उनकी आखरी खबर कि तरह मिलता है, मन करता है कि काश वो एक दिन और जिन्दा होता तो पूरा दिन उसके साथ गुजारता पर फिर याद आता कि कितने सारे लोग जिन्दा हैं जिनके साथ गुजारने के लिए एक पल भी नहीं, आज कल लोग लोगों कि मौत के बहाने एक दूसरे से मिल लिया करते हैं वरना इस तरक्की के दौर मे जिन्दा लोगों के घर जाने कि फुर्सत कहाँ|
अपने पराये सब कुछ जनता था पर अब परिभाषा बदल गयी, मुझे जिनकी जरुरत है वो मेरे अपने रह गए और जिन्हें मेरी जरुरत है मैं उनका अपना हो गया बाकि सब पराये हैं, रिश्ते रस्म बन गए और रास्तों मे मिले बेगाने घेर कर चल पड़े, जिन्दगी किराये के मकान कि तरह अलग अलग गलियों और अलग अलग चौखटों मे गुजार दी, आज जहाँ खड़ा हूँ यहाँ रोज सुबह से शाम तक रिश्तों का बाज़ार लगता है, बड़े बड़े रिश्ते ख़रीदे जाते हैं और अच्छे अच्छे रिश्तों को बिकते देखता हूँ, कई बार मन को ये सोच कर तसल्ली भी होती है कि अच्छा हुआ मैं अपने रिश्तों को साथ नहीं लाया वरना शायद उन्हें भी यहाँ के दस्तूर के आगे मजबूर होकर नीलाम होना होता|
हर कोई अपनों से दुखी है और हो भी क्यों न परायों के पास इतनी फुर्सत कहाँ कि वो आपको दुखी करने मे अपना कीमती वक़्त जाया करें क्या उनके अपने नहीं, वो वहां व्यस्त है, आज के दौर में गर कोई आपका अपना आपको दुखी न करे तो एक बार सोचना जरूर, हो सकता है वो आपका अपना हो ही नहीं या फिर आप तो उसे अपना समझ कर दुखी कर रहे हो पर वो आपको अपना समझता ही न हो, ऐसे लोग जो जिन्दगी मे दुःख भी न दे सकें भला उनसे और किस चीज कि उम्मीद रखी जाये, कहते हैं दुःख के बाद सुख मिलता है पर जिनसे आज तक दुःख नहीं मिला भला सुख कैसे मिलेगा|
जाने वो कैसे लोग थे जिन्हें भगवान् मिल गए हम तो एक अच्छे इंसान को भी तरसते हैं .... गर कभी कोई मिला भी तो मैं परख नहीं पाया और देर हो गयी, आखों के सामने से वो कब ओझल हो गया पता ही नहीं चला और जब पता चला तब आँख मलने के सिवा कुछ शेष न था, हो सकता है मेरी जिन्दगी मे किसी धुंधले द्रश्य कि तरह जो चंद तस्वीरें हैं वास्तव मे वो अस्तित्वा मे ही न हों पर फिर भी इन जगमगाती रातों मे भी वो धुंधलापन जीने का सहारा बनता है, मैंने उन्हें खोया मुझे गम जरूर है पर तसल्ली भी कि जो मेरा नहीं था वो आज मेरा नहीं है पर वो खुद को क्या कह कर बहलाते होंगे जिन्होंने मुझे खोया और मैं उनके सिवा आज भी किसी और का नहीं बन पाया | निभाने से भी डर लगता और आजमाने से भी, कही जिन्हें अपना समझने का भरम पाल कर ही खुस हो लेता हूँ वो भी न टूट जाये|
3 comments:
Kash jindgi ki ye kadavi kahaniyan insaan kabhi samajh pata
Kya Baat Hai kya kahoon kuch bhi kahte nhi banta khair jo bhi apki jagah pe ek baar jruur khada hona chata hoon.us kasak ko mai bhi mahsus karna chahta hoon.aap kabhi mile bhi to mahaj ek minut k liye jabki aapko jaanne ke liye to sari umra hi kam pad jaye.pr kya karu aap milte bhi to nhi jabki sare jamane se kisi ek aadmi ko chuna hai kuch seekhne ke liye.
Dada bhai mai aapka indaur wala cont. no. janana chata hoon...........plz noyda wala to aksar band hi raha hai kabhi kbhi cell pe aapke msg mil jaate hain to khud pe garv hota hai........mai aapke cont me rahana chata hoon.
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