Sunday, April 19, 2009

नेताओं पर जूते और चप्पल फेकना. . . . कितना जायज?

अमेरिकी राष्टपति से शुरुआत हुई और परम्परा आ पहुँची हमारी धरती तक, कभी लगा आक्रोश जाहिर किया तो कभी लगा जैसे किसी ने चाल चल कर इस हरकत को अंजाम दिया, पर यदि ये आक्रोश था तो क्या बस इतनी सी आग लगी थी सीने में की एक जूता फेंका और बुझ गई और अगर अब ठान लिया है की अपनी आवाज़ को बुलंद करेंगे और इस देश की साख को चूना लगाने वाले लोगों को देंगे तो भी क्या इतनी सी सज़ा ?
नेताओं के प्रति गुस्सा, क्रोध और आक्रोश तो लगभग हर किसी के सीने में है पर जूता चला कर आप सिर्फ़ अपनी मानसिक विकृति का परिचय दे सकते हो या फ़िर थोडी सी सुर्खियों में जगह पा सकते हो लेकिन आपका ये मानसिक दिवालियापन न तो आप के लिए अच्छा है और न ही इस देश के लिए ।
अगर वास्तव में है जज्बा कुछ कर दिखाने का तो लोकतान्त्रिक परम्परा को संजीवनी दीजिये और अपने आस पास के लोगों को जाग्रत करिए की ऐसे लोगों का चुनाव में विरोध करें और अच्छे लोगों को चुन कर देश की बागडोर सौपें, आज भी हमारे देश का शहरी आदमी मतदान में हिस्सा नही लेना चाहता और फिर कहता है की ये देश को क्या हो गया, मेरा मानना है की देश को इस मुकाम तक ले जाने में जितना राजनेताओं का हाथ है उससे कही ज्यादा उन लोगों का है जिन्होंने वोट नही डाला और ग़लत आदमी संसद तक पहुँच गया ।
वृद्ध कहते है अब हमें क्या लेना देना हमारी तो कट गई, जवान को मोबाइल से फुर्सत नही और बच्चों को मतदान का अधिकार नही, पचास फीसदी लोगों के मतदान से जो सरकारें बनेगी वो कमजोर भी होंगी और कोई जरुरी नही की जो लोग उसका हिस्सा बने वो उस योग्य भी हों की देश चला सकें।
इसलिए चप्पल और जूते पैरों मे पहने और घर से बहार निकल कर ऐसे लोगों की तलाश करें जो वोट नही डालते, उन्हें मतदान का महत्व बताएं ।

17 comments:

Avinash said...

Good Post!

Mahipal Singh said...

ye sach kaha ki joota inke liye koi saja nahi hai.

Anonymous said...

i think u are related to Politics.

Vikash said...

Are bhai joota nahi fekoge to inko sharm kaise aayegi?

Anonymous said...

Shhhhhhhhh! koi pad lega.

Radhe Radhe Radhe said...

Chalne do joota, koi to jage raha hai.

Amit Nagar said...

This is correct.

Anonymous said...

gr8

Anonymous said...

why u r so worried?

Anonymous said...

Jaisi karni vaisi bharni.

Babu said...

Phir bhi sharm nahi aati inko.

Anonymous said...

Oye

Anonymous said...

Do write regular

Mehta said...

Koun Sunega apni yaar?

Anonymous said...

This is Good.

Anonymous said...

khao piyo maje karo tiwari ji....varna log fursatiya kahenge.

रौशन जसवाल विक्षिप्त said...

namskaar. achhaa ha prerit karta hai